Friday, August 31, 2018

मान्यवर कांशीराम साहब की विकिपीडिया

मान्यवर कांशीराम साहब की विकिपीडिया

कांशीराम

पृष्ठ संबंधित मसले
भारतीय राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता
कांशीराम (१५ मार्च १९३४ – ९ अक्टूबर २००६) भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे।[1] उन्होंने भारतीय वर्ण व्यवस्था में अछूतों और दलितों के राजनीतिक एकीकरण तथा उत्थान के लिए कार्य किया।[2] इसके अन्त में उन्होंने दलित शोषित संघर्ष समिति (डीएसएसएसएस), १९७१ में अखिल भारतीय पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदायों कर्मचारी महासंघ (बामसेफ) और १९८४ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की स्थापना की।
कांशीराम

बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष
पद बहाल
१९८४ – १९९५
उत्तरा धिकारीमायावती

पद बहाल
१९९६ – १९९८
पूर्वा धिकारीकमल चौधरी
उत्तरा धिकारीकमल चौधरी

पद बहाल
१९९१ – १९९६
पूर्वा धिकारीराम सिंह शक्य
उत्तरा धिकारीराम सिंह शक्य

जन्म१५ मार्च १९३४
पिर्थीपुर बुंगा ग्राम, खवसपुर, रूपनगर जिला, पंजाब (भारत)
मृत्यु९ अक्टूबर २००६ (आयु ७२ वर्ष)
नई दिल्ली
राजनीतिक दलबहुजन समाज पार्टी
धर्मबौद्ध धर्म
जालस्थलआधिकारिक जालस्थल

Thursday, August 30, 2018

बाबा रामदेव जी व ठाकुर अजमाल का इतिहास

ठाकुर अजमाल जी व  बाबा रामदेव जी का इतिहास


जिन्होने राजस्थान के लोकदेवता बाबा रामापीर के इतिहास व लोक साहित्य का कभी  कोई गहन अध्ययन ही नही किया ..  वे लोग बाबा रामापीर को केवल अजमल घर अवतारी ( अर्थात किसी पालणे मे प्रकट ) ही मानते है ..  जबकि उनका जन्म सायर जी मेघवाल (गोत्र जयपाल ) के घर मां मंगनीदे की कोख से हुआ था ..  ठाकुर अजमाल जी के आदेशानुसार ही सायर जी मेघवाल ने अपने नन्हे बालक रामदेव को रहस्यमय ढंग से उनके घर बीरमदेव के पालणे मे सुलाया था ...  

मध्यकालीन सामंतकाल मे उस समय छुआछुत के कारण ठाकुर अजमाल जी ने उन्हे मेघवंशी न बतलाकर अपने घर पालणे मे प्रकट ही बताया..  क्यो कि ठाकुर अजमाल जी एक सच्चै मानवतावादी संत महापुरुष थे ...  उऩ्हे मेघवंशियो से कोई घृणा नही थी ..  इसिलिये उन्होने जिवन भर कभी बाबा रामदेव को मेघवालो के घर आने जाने व उन्ही के साथ जम्मा जागरण करने पर कोई ऐतराज नही किया ...  जबकि अजमाल जी के भाई धनरूप जी की बेटी सुगणा के ससुराल पुंगलगढ वाले तो इसिलिये बाबा रामदेव से बेहद नफरत करते थे ...  

इसिलिये तो बाबा रामसापीर के समकालीन किसी भी राव भाट चारण कवि या किसी सामंत ने उनकी कोई महिमा बखाण नही की ..  

मानवता के पुजारी परम श्रद्धेय ठाकुर अजमाल जी जैसे महामानव उस समय कोई हुआ और न कोई होगा ..  क्यो कि वे जातपात से उपर उठ कर मानवता के सच्चै पुजारी थे . वे हिंदु मुस्लिम झगड़ो के कोई पक्षधर भी नही थे इसलिये उन्होने हिंदु मुस्लिम झगड़ो मे अपने पिता रणसी व अपने सगे भाईयो की मृत्युपरांत भी बदले की भावना न रखकर भाई धनरूप की दौनो पुत्री लाछा और सुगणाबाई का सुरक्षित  पालन करते हुऐ तुंवरावटी / नरेणा इत्यादी को छोड़कर शांति व भाईचारे के लिये मारवाड़ की पावन धोरा धरती मे राठोड. रावल मालदे जी की शरण ली ..  इस बात का भी इतिहास गवाह है कि मेघवालो के साथ तो इनका  सहचर्य पीढीयो से  जुड़ा है .  क्यो कि ठाकुर अजमाल के पिता  रणसी जी के साथ मुहम्मद गोरी की वार मे एककमात्र खिवण जी मेघवाल ने अपने शरीर को ही करोत से कटवा दिया था जिसके ऐतिहासिक ताम्रपत्र आज भी मोजुद है ...  इस प्रकार मेघवालो के साथ इनका सहचर्य तो पीढीयो से जुड़ा था 

इसिलिये उन्होने अपने परमानुयायी सेवक सायर मेघ के पुत्र. को अपने घर पालने मे पोढाने से  कोई ऐतराज नही था ..  


कुछ लोग यह सोचते होंगे कि जब ठाकुर अजमाल जी के घर बीरमदेव का जन्म हो चुका था तो फिर उन्होने सायर जी मेघवाल के पुत्र रामदेव को अपने घर पालणे मे क्यो जगह दी ..  ? 

इसकी एक ही मुख्य कारण था कि मेणादे की कोख से कभीे कोई संतान नही जन्मी थी ...  अर्थात मेणादे को कोई पुत्र नही जन्मा था ..  

अब आप सभी प्रबुद्ध पाठक यह सोच रहे होंगे कि बीरमदेव किसका पुत्र था ?  

बीरमदेव मेणादे का पुत्र नही था ..  वह ठाकुर अजमाल की पहली पत्नी रुण गांव वाली का पुत्र था ..  इसका ऐतिहासिक प्रमाण हमे रामदेवरा के कुंवर अमरसिंह तंवर की पुस्तको मे देखने को मिला 

...  ..  

अब आगे प्रबुद्ध पाठको पर निर्भर है कि वे जातिवाद को मद्देनजर रखकर इस पोष्ट पर टिप्पणी करेंगे या सत्य का समर्थन करेंगे 


यह आप पर निर्भर है।  जय बाबा री सा

Tuesday, August 28, 2018

बहुजन संघर्ष दल के तत्वाधान में होने जा रहा है महा सम्मेलन , नागौर जिले के भेड़ गांव में


बहुजन संघर्ष दल के तत्वाधान में होने जा रहा है महा सम्मेलन  , नागौर जिले में 2 सितंबर 2018 वर रविवार समय सुबह 11 बजे से 

आजादी के 72 बरस बाद भी SC ST OBC एवं अल्पसंख्यक समुदाय पर अन्याय अत्याचार एवं उत्पीड़न आज भी जारी है गत वर्ष में उत्तर प्रदेश में सहारनपुर राजस्थान में डांगावास हरियाणा में मिर्चपुर गोवा में दूल्हा आदि जातीय दंगों का डांस बहुजन समाज लगातार बढ़ता जा रहा जातिगत दंगे के दोषी ओम शांति मानसिकता रोक लगाने हेतु मानव सभ्यता को कलंकित करने वाले जातीय दंगों को रोकने के लिए कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुईको जाति उत्पीड़न एवं दंगों के शिकार लोगों को उचित मुआवजा देकर समय पर न्याय दिलाने की व्यवस्था नहीं की गई हुई आर्थिक बराबरी का कानून बनाकर SC ST के लोगों के उत्थान एवं कल्याण के लिए केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारें 1952 से लेकर 2018 तक लगातार अलग से लाखों रुपए का बजट पास करती है परंतु खेद का विषय है कि उपरोक्त समाज के लोगों का आज 72 वर्ष की आजादी के बाद भी किसी प्रकार का उत्थान नजर नहीं आ रहा अतः आप लोगों से अपील है कि उपरोक्त कार्यक्रम में तन मन धन से सहयोग करें बहुजन समाज पार्टी के कह दिया सम्राट माननीय वर्ष शिवदान मेघवाल को सुनने के लिए भारी संख्या में पहुंचकर बहुजन समाज के कल्याण के लिए जन आंदोलन जन संघर्ष को सफल बनावे।।
मैंने शपथ ली है कि जब तक इस देश में जय भीम का झंडा ना पहना दूं तथा लाखों-करोड़ों घरों में खुशियां लेना ला दूं तब तक मैं चैन से सांस नहीं लूंगा फूल सिंह बरैया
स्थान अंबेडकर चौक ग्राम बेड 2 सितंबर 2018 रविवार सुबह 11: 00 बजे से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पधारे इस कार्यक्रम का लाभ उठाएं।।

कांग्रेस का हाथ छोड़ इस नेता ने शुरू की हाथी की सवारी

छत्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हर कोशिश कर रही है. अब बहुजन समाज पार्टी में अन्य राष्ट्रीय दलों के नेता भी शामिल होने शुरू हो गए हैं.छत्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हर कोशिश कर रही है.

 अब बहुजन समाज पार्टी में अन्य राष्ट्रीय दलों के नेता भी शामिल होने शुरू हो गए हैं. बसपा का कांग्रेस से गठबंधन कर चुनाव लड़ने की चर्चाएं समय-समय पर होती रहती हैं. इस बीच कांग्रेस के भोजराज गौरखेड़े ने अपने हजारों कर्ताकर्ताओं के साथ कांग्रेस का हाथ छोड़ हाथी की सवारी का मन बना लिया है.

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष ओपी बाजपेयी का कहना है कि भारतीय बौद्ध महासभा के महासचिव और कांग्रेस नेता भोजराज गौरखेड़े के पार्टी प्रवेश के बाद बसपा के पदाधिकारी काफी उत्साहित हैं. उनका दावा है कि आने वाले समय में अन्य दलों के बड़े नेता और कार्यकर्ता बसपा में प्रवेश कर सकते हैं. कई नेताओं से बातचीत चल रही है. चुनाव से छत्तीसगढ़ राजनीति में बड़े नाम बसपा के साथ जुड़ सकते हैं.

ड्रा बी आर अम्बेडकर , जनरल नॉलेज के प्रश्न & परिचय

ड्रा बी आर अम्बेडकर पुरा परिचय


*प्रश्न 1-*      डॉ अम्बेडकर का जन्म कब हुआ था?

*उत्तर-*       14 अप्रैल 1891
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*प्रश्न 2-*       डॉ अम्बेडकर का जन्म कहां हुआ था ?

*उत्तर-*      मध्य प्रदेश  इंदौर के  महू छावनी  में हुआ था।
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*प्रश्न 3-*     डॉ अम्बेडकर के पिता का नाम क्या था?

*उत्तर-*        रामजी मोलाजी सकपाल था।
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*प्रश्न 4-*      डॉ अम्बेडकर की माता का नाम क्या था?
*उत्तर-*         भीमा बाई ।
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*प्रश्न 5-*      डॉ अम्बेडकर के पिता का क्या करते थे?

*उत्तर-*        सेना मैं सूबेदार थे । 
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*प्रश्न 6-*      डॉ अम्बेडकर की माता का देहांत कब  हुआ था?

*उत्तर-*        1896
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*प्रश्न 7-*      डॉ अम्बेडकर की माता के  देहांत के वक्त उन कि आयु क्या थी ?

*उत्तर-*          5 वर्ष।
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*प्रश्न 8-*      डॉ अम्बेडकर किस जाती से थे?

*उत्तर-*         महार जाती।
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*प्रश्न 9-*       महार जाती को कैसा माना जाता था?

*उत्तर-*      अछूत (निम्न वर्ग )।
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*प्रश्न10-*      डॉ अम्बेडकर को स्कूल मैं कहां बिठाया जाता था?

*उत्तर-*      क्लास के बहार।
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*प्रश्न 11-*     डॉ अम्बेडकर को स्कूल मैं पानी कैसे पिलाया जाता था?

*उत्तर-*       ऊँची जाति का व्यक्ति ऊँचाई से पानी उनके हाथों परडालता था!
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*प्रश्न12-*      बाबा साहब का विवाह कब और किस से हुआ?

*उत्तर-*     1906 में रमाबाई से।
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*प्रश्न 13-*        बाबा साहब ने मैट्रिक परीक्षा कब पास की?

*उत्तर-*         1907 में।
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*प्रश्न 14-*     डॉ अम्बेडकर के बंबई विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने से क्या हुवा?

*उत्तर-*      भारत में कॉलेज में प्रवेश लेने वाले पहले अस्पृश्य बन गये।
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*प्रश्न 15-*       गायकवाड़ के महाराज ने डॉ अंबेडकर को पढ़ने कहां भेजा?

*उत्तर-*       कोलंबिया विश्व विद्यालय न्यूयॉर्क अमेरिका भेजा।
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*प्रश्न 16-*        बैरिस्टर के अध्ययन के लिए बाबा साहब कहां और कब गए?

*उत्तर-*     11 नवंबर 1917 लंदन में।
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*प्रश्न 17-*        बड़ौदा के महाराजा ने डॉ आंबेडकर को अपने यहां किस पद पर रखा?

*उत्तर-*        सैन्य सचिव पद पर।
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*प्रश्न 18-*       बाबा साहब ने सैन्य सचिव पद को क्यों छोड़ा?

*उत्तर-*       छुआ छात के कारण।
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*प्रश्न 19-*     बड़ौदा रियासत में बाबा साहब कहां ठहरे थे?

*उत्तर-*        पारसी सराय में।
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*प्रश्न 20-*      डॉ अंबेडकर ने क्या संकल्प लिया?

*उत्तर-*      जब तक इस अछूत समाज की कठिनाइयों को समाप्त ने कर दूं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा।
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*प्रश्न 21-*      डॉ अंबेडकर ने कौनसी पत्रिका निकाली?

*उत्तर-*          मूक नायक ।

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*प्रश्न 22-*       बाबासाहेब वकील कब बने?

 *उत्तर-*           1923 में ।
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*प्रश्न 23-*      डॉ अंबेडकर ने वकालत कहां शुरु की?

*उत्तर-*        मुंबई के हाई कोर्ट से ।
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*प्रश्न 24-*     अंबेडकर ने अपने अनुयायियों को क्या संदेश दिया?

*उत्तर-*    शिक्षित बनो संघर्ष करो संगठित रहो ।
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*प्रश्न 25-*     बाबा साहब ने बहिष्कृत भारत का
प्रकाशन कब आरंभकिया?

*उत्तर-*       3 अप्रैल 1927
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*प्रश्न 26-*     बाबासाहेब लॉ कॉलेज के प्रोफ़ेसर कब बने?

*उत्तर-*        1928 में।
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*प्रश्न 27-*    बाबासाहेब मुंबई में साइमन कमीशन के सदस्य कब बने?

*उत्तर-*       1928 में।
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*प्रश्न 28-*      बाबा साहेब द्वारा विधानसभा में माहर वेतन बिल पेश कब हुआ?

*उत्तर-*       14 मार्च 1929
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*प्रश्न 29-*    काला राम मंदिर मैं अछुतो के प्रवेश के लिए आंदोलन कब किया?

 *उत्तर-*     03 मार्च 1930
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*प्रश्न 30-*    पूना पैक्ट किस किस के बीच हुआ?

*उत्तर-*       डॉ आंबेडकर और महात्मा गांधी।
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*प्रश्न 31-*    महात्मा गांधी के जीवन की भीख मांगने बाबा साहब के पास कौनआया?

*उत्तर-*        कस्तूरबा गांधी
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*प्रश्न 32-*    डॉ  अम्बेडकर को गोल मेज कॉन्फ्रंस का निमंत्रण कब मिला?

*उत्तर-*      6 अगस्त 1930
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*प्रश्न 33-*     डॉ अम्बेडकर ने पूना समझौता कब किया?

*उत्तर-*        1932 ।
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*प्रश्न 34-*     अम्बेडकर को सरकारी लॉ कॉलेज का प्रधानचार्य नियुक्त कियागया?

*उत्तर-*     13 अक्टूबर 1935 को।
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*प्रश्न 35-*    मुझे पढे लिखे लोगोँ ने धोखा दिया ये शब्द बाबा साहेब ने कहां कहे थे?

*उत्तर-*    आगरा मे 18 मार्च 1956 ।
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*प्रश्न 36-*    बाबा साहेब के पि. ए. कोन थे?

*उत्तर-*     नानकचंद रत्तु।
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*प्रश्न 37-*    बाबा साहेब ने अपने अनुयाइयों से क्या कहा था?

*उत्तर-*    - इस करवा को मै बड़ी मुस्किल से यहाँ तक लाया हु !
इसे आगे नहीं ले जा सकते तो पीछे मत जाने देना।
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*प्रश्न 38-*      देश के  पहले कानून मंत्री कौन थे?

*उत्तर-*      डॉ अम्बेडकर।
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*प्रश्न 39-*    स्वतंत्र भारत के नए संविधान की रचना किस ने की?

*उत्तर-*      डॉ अम्बेडकर।
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*प्रश्न 40-*     डॉ अंबेडकर ने भारतीय संविधान कितने समय में लिखा?

*उत्तर- 2*    साल 11 महीने 18 दिन।
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*प्रश्न 41-*    डा बी.आर. अम्बेडकर ने  बौद्ध धर्मं कब और कहा अपनाया?

*उत्तर -*   14 अक्टूबर 1956,  दीक्षा भूमि,   नागपुर।
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*प्रश्न 42-*    डा बी.आर. अम्बेडकर ने  बौद्ध धर्मं कितने लोगों के साथ अपनाया?

*उत्तर-*   लगभग 10 लाख।
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*प्रश्न 43-*    राजा बनने के लिए रानी के पेट की जरूरत नहीं,
तुम्हारे वोट की जरूरत है ये शब्द किस के है?

*उत्तर-*     डा बी.आर. अम्बेडकर।
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*प्रश्न 44-*  डा बी.आर. अम्बेडकर के दुवारा लिखित महान पुस्तक का क्या नाम है?

*उत्तर-*      दी बुद्ध एंड हिज धम्मा।
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*प्रश्न 45* - बाबा साहेब को किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया?

*उत्तर-*       भारत रत्न।
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★★★★★★★★★★★★★★

आज तक हमे बताया जाता है कि 22years का Cricket खेलने वाला,
10वीं मे फेल होने वाला सचिन Cricket का भगवान बना........

Petrol पंप पर काम करने वाला, अबांनी करोडपती बना,

चाय बेचने वाला मोदी Prime minister. बना.......

लेकिन कभी किसी ने ये नही बताया कि...
*Class Room के बाहर बैठकर पढने वाला एक दलित बालक*
*"डा• भीम राव अम्बेडकर "* इस देश का शिल्पकार (संविधान निर्माता ) बना..........

और सबसे बढकर इस ससांर में
*''सिबंल आफॅ नालेज'''* बना..

Monday, August 27, 2018

शहीद के शहादत_को_नमन गोमद जयपाल मेघवाल

शहीद गोमद जयपाल की शहादत को नमन 
                       शहादत_को_नमन
Exclusive
Big Breaking
#जम्मू कश्मीर / जैसलमेर
देश की रक्षा करते जैसाणें का #सपूत शहीद, शहीद #गोमंद #जयपाल (मेघवाल) है डेलासर गांव का निवासी, सीमावर्ती इलाकें का लाल हुआ शहीद, डेलासर गांव का लाल हुआ शहीद, लेह लद्दाक में #दुश्मनों से #लोहा_लेते हुआ शहीद, आज सुबह हुआ गोमंत जयपाल शहीद, गोमंद जयपाल नामक देश का #जाबांज_हुआ_शहीद, ड्यूटी के दौरान दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद, भारतीय सेना में था शहीद गोमंत जयपाल तैनात, कल डेलासर गांव में होंगा अंतिम संस्कार, हजारों लोग नम आंखों से देंगे #श्रद्धांजलि, गांव में बना हुआ गमगीन माहौल, #परिजनों के रो रो कर हो रहे बुरेहाल, #जैसलमेर जिले के शहीदों के नाम में देश के सपूत #गोमंद_जयपाल शामिल, छोटी उम्र में शहीद हुआ गोमंद जयपाल |

कटारिया बने खींवसर ब्लॉक के अध्यक्ष

कटारिया बने खींवसर ब्लांक के अध्यक्ष

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शिक्षक संघ अम्बेडकर की जिला कार्यकारिणी की बैठक में  संग के जिलाध्यक्ष लक्ष्मणराम ने सर्व सहमति से खींवसर उपशाखा  के ब्लांक अध्यक्ष भंवर लाल कटारिया को बनाया गया ।'जिलाध्यक्ष ने बताया कि बामणियावाला में कार्यरत कटारिया लम्बे समय से शिक्षक संग में अपनी सेवाएं देते हुए हमेशा शिक्षा व शिक्षकों के हितों की मांगें मजबूती से उठाते रहते है । नव नियुक्त ब्लांक अध्यक्ष ने कहा कि शीघ्र ही बलांक कार्यकारिणी का गठन किया जायेगा।

Saturday, August 25, 2018

मंदिर में सिर जुकाते हुए


  • * क्या करोगे आखिर मंदिर में उनके जाकर ,

 थोड़ा सिर झुकाओगे और लुट कर वापिस घर जाओगे,

 * पत्थरों पर धन लुटाकर सोचो तुम क्या पाओगे,
   सब कुछ पाकर भी हाथ मलते रह जाओगे..

* इन्होंने आज तक किसी को क्या दिया है,
   जो तुम इन से पाओगे..

* थोड़ा पीट लोगे और कुत्ते की ,
   तरह दुत्कार दिए जाओगे..

* इन्होंने ही तो शोषण अपना करवाया है,
  वह शोषित वंचित सबसे बड़ा मूर्ख है ,
  जिसने इन को शीश नवाया है..

* इनकी चाल को आखिर तुम कब समझ पाओगे,

* अगर ऐसे ही तुम्हारे करम रहे ,
 तो फिर से मनुस्मृति का शासन तुम पाओगे..

* गले में हाड्डी और पिछवाड़े में झाडू ,
    फिर लटकवाओगे..

* प्यासे तुम मर जाओगे लेकिन ,
    पानी नहीं तुम पाओगे..

* पशुओं से भी बदतर जीवन तुम इनाम में पाओगे,
   शिक्षा संपत्ति अधिकार, विहिन जीवन तुम बिताओगे..

* गांव से बाहर बस्ती फिर तुम बसाओगे,
  एक बार फिर से अछूत तुम बन जाओगे...

एक बार फिर से अछूत तुम बन जाओगे !!!

विद्या गोतम भूख हड़ताल पर फिर भी मीडिया नहीं दिखा रही है ऐसा कियू?

*अन्ना हजारे अकेला भूख हड़ताल पर बैठता है तो मनुवादी मीडिया पूरे देश में हलचल पैदा कर देता है लेकिन शोषित समाज की एक बेटी विद्या गौतम करीब चार हजार समर्थकों के साथ १८ दिनों से भूख हड़ताल पर बैठी है फिर भी कोई हलचल नहीं, ऐसा क्यों ?*
           अखिल भारतीय अंबेडकर महासभा के तत्वाधान में राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन विद्या गौतम के नेतृत्व मे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल (भीख नहीं भागीदारी देश की हर ईट में चाहिए हिस्सेदारी) जो कि आर्थिक आजादी को लेकर पूरे देश में 180 जगह करीब 4000 हजार लोग आमरण अनशन पर बैठे हैं राजस्थान प्रदेश में यह आंदोलन पांचाराम जी इंदावड़ के नेतृत्व में आठ अगस्त से लगातार जारी है।

आंदोलनकारियों का कहना है कि आज २५ अगस्त को १८ दिन हो जाने के बाद भी सरकार का कोई नुमाइंदा हमसे बात करने के लिए नही आया और सभी आंदोलनकारियों की तबियत बिगड़ चुकी हैं। आज पांचा राम जी और उनके साथ बैठे 10 पुरुष और 4 औरते जो मेड़ता सिटी के गाँव कुम्पडास मे बैठे हुए हैं। इन आंदोलन कारियों में 4 औरतों और एक पुरुष की आज तबियत बिगड़ जाने पर मेड़ता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिर भी शासन और प्रशासन कोई शूद नही ले रहा है। इनका कहना है कि हमने तो निश्चय कर लिया जीत या फिर मौत।

 इनका कहना है कि हमारी जायज मांगे हैं अगर हमारे साथ न्याय नहीं हुआ तो फिर पुरे भारत भर में आंदोलन किया जायेगा एवं हमारे साथ बुरा हुआ व आंदोलनकारियों की तबियत ठीक नहीं हुई और मौत भी हो जाती हैं तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होंगी।

अखिल भारतीय अम्बेडकर महासभा द्वारा आयोजित आंदोलन के बारे में पूरे शोषित बहुजन समाज को गहराई से सोचना पड़ेगा कि लगातार अठारह दिन से हजारों लोग भूख हड़ताल पर बैठने के बाद भी सरकार का कोई नुमाइंदा बात करने के लिए क्यों नहीं आया जबकि काफी आंदोलनकारियों की तबीयत बिगड़ने से वे अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।

आदरणीय पांचाराम जी इंदावड़ साहब से अर्ज है कि आप अखिल भारतीय अम्बेडकर महासभा के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष हैं आप सभी संगठनों के पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाकर सभी संगठनों का समर्थन हासिल करने का प्रयास करें और हो सके तो सयुंक्त संघर्ष समिति बनाने पर भी विचार करें साथ ही जो मांगे रखी गई हैं उनका ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें एवं जबरदस्त जनसंपर्क अभियान शुरू करें।

   राजस्थान प्रदेश में शोषित समाज इतने बड़े स्तर पर भूख हड़ताल पर बैठने का साहस किया है इसके लिए बहन विधा गौतम एवं पांचाराम जी व अखिल भारतीय अम्बेडकर महासभा के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को हम सब सैल्यूट करते हैं और विश्वास दिलाते हैं कि यदि सबको साथ लेकर चलोगे तो सफलता जरूर मिलेगी।
वर्तमान दौर में कोई भी अकेला राजनैतिक दल सरकार नहीं बना सकता है और कोई भी संगठन अकेला आंदोलन में सफल नहीं हो सकता है इसलिए सभी संगठनों को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे तो दो अप्रैल जैसा नजारा देखने को मिलेगा फिर देखते हैं कि सरकार के प्रतिनिधि बात करने के लिए कैसे नहीं आते हैं।

रक्षाबंधन का सच

*😊😊 रक्षाबंधन का सच😊😊*

     

 एक बार पूरा अवश्य पढें।                                           🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸


*अपना तर्क लगायें. इतिहास को जाने. नया इतिहास रचें*.

       🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃


*रक्षाबंधन भाई बहन का त्योहार नहीं है. क्या हिंदुओं में ही भाई बहन होते हैं. सिक्ख, मुसलमानों, ईसाईयों, जैन पारसियों या बौद्धों में भाई बहन नहीं होते. यदि यह त्यौहार भाई बहनों का त्यौहार होता तो सिक्ख, मुसलमान, ईसाई, जैन पारसी या बौद्ध भाई बहन भी इसे मनाते!*

*वर्ण व्यवस्था के अनुसार यह ब्राह्मणों का त्योहार है। इतिहास काल से अब तक ब्राह्मणों द्वारा क्षत्रियों को रक्षा सूत्र बांधा जाता रहा है उन्हे ब्राह्मणों की रक्षा की शपथ दिलाई जाती रही है।*

*”धर्मशास्त्र का इतिहास” नामक पुस्तक के चौथेखण्ड के पृष्ठ १२४ में भारत रत्न पी वी काणे (पांडुरंग वामनराव काणे) लिखते है “आज ब्राम्हण शूद्र के घरों मे जाकर उन्हें तथा कथित रक्षा सूत्र(जो वास्तव मे बंधक सूत्र है) बाँधते हुये देखे जा सकते हैं और वह रक्षा सूत्र बांधते है तो संस्कृत का श्लोक भी पढ़ते है।*

मन्त्र:-

*“येन बध्दो ,दानेन्द्रो बलि राजा महाबल:।*

*तेन त्वाम प्रति बधनामिअहम रक्षे माचल ,माचल, माचल।।*


*अर्थात जिस प्रकार तुम्हारे दानवीर बलि राजा को हमारे पूर्वजो ने बंदी बनाया था उसी प्रकार हम तुम्हे भी मानसिक रूप से बंदी बना रहे है।*

*हिलो मत, हिलो मत, हिलो मत, अर्थात जैसे हो वैसे ही रहो अपने मे सुधार ना करो।*


*अर्थात मैं तुझे ये धागा उस उद्देश्य से बंधता हूँ जिस उद्देश्य से तेरे सम्राट बलि राजा को बांधा गया था, आज से तू मेरा गुलाम है मेरी रक्षा करना तेरा कर्त्तव्य है, अपने समर्पण से हटना नहीं।*


*महाराज बलि मूलनिवासियों के सबसे ज्यादा शक्तिशाली राजा हुए थे जिन्होंने पूरे देश से ब्राह्मणों को खदेड़ दिया था और देश को ब्राह्मणमुक्त कर दिया था। जब ब्राह्मणों का महाराज बलि पर कोई वस नहीं चला तो ब्राह्मणों ने अपने धर्म के अनुसार यज्ञ करवाने के नाम से एक चाल चली।महाराज बलि को ऋग्वेद के अनुसार यज्ञ करने के लिए मना लिया गया। यज्ञ के बाद ऋग्वेद के अनुसार दान देना और ब्राह्मणों को प्रसन्न करना जरुरी है। ब्राह्मण तभी प्रसन्न होता है जब उसको उसकी इच्छानुसार दान मिले। यज्ञ “वामन” नामक ब्राह्मण ने महाराज बलि द्वारा धोखे से तीन वचन लेकर पहले वचन में महाराज बलि से पूरी धरती अर्थात जहाँ जहाँ महाराज बलि का शासन था वो सारी भूमि मांग ली। दूसरे वचन में समुद्र मांग लिया अर्थात जहाँ जहाँ महाराज बलि का समुद्रों पर कब्ज़ा था और तीसरे वचन में महाराज बलि से उनका सिर मांग लिया था।*

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*ब्राह्मण धर्म के जाल में फंसे मूलनिवासियों की स्थित आज बिल्कुल महाराज बलि के जैसी बनी हुई है। ना तो महाराज बलि रक्षासूत्र के नाम पर बंधक सूत्र बंधवाते और न ही ब्राह्मण उनका सब कुछ जान समेत ठग लेते।ब्राह्मण धर्म के धोखे में फंसे मूलनिवासी आज अपना सब कुछ ब्राह्मणों को दे रहे है जबकि न तो यह धर्म मूलनिवासियों का है और न ही रहा है, यह मूर्ख बनाकर मूक बने मूलनिवासियों को लूटते रहे, क्या यह  कोई धर्म है।*

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*अगर इतिहास में भी झांक कर देखा जाये तो आज तक किसी भी ब्राह्मणी त्यौहार से मूलनिवासियों का कोई फायदा नहीं हुआ है।*

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*मूलनिवासी बिना सोचे समझे हीे ब्राह्मणों रीति रिवाजों और धार्मिक परम्पराओं को ढोते जा रहे है और यही रीति रिवाज और धार्मिक परम्पराए मूलनिवासियों की गुलामी के लिए मुख्य रूप से जिम्मेवार है।*

*विश्व के अन्य देशों में रक्षाबंधन जैसे पाखंड और अंधविश्वास पर आधारित त्यौहार नहीं मनाये जाते। जैसा की ब्राह्मण कहते है कि रक्षा बंधन ना बांधने से हानि होती है।*

आज तक विश्व के किसी भी देश में कोई हानि नहीं हुई। असल में हानि सिर्फ इंडिया में ही होती है।

*ब्राह्मण एक भी परम्परा को नहीं तोड़ना चाहता। अगर एक भी परम्परा टूट गई तो ब्राह्मणों का पाखंड, अन्धविश्वास और लोगों को लूटने का अवसर कम हो जायेगा। सच बात तो ये है कि रक्षाबंधन का भाई बहन के प्रेम से कोई लेना देना नहीं है।  रक्षाबंधन का मामला ही कुछ अलग है” रक्षाबंधन” इस शब्द का अर्थ है रक्षा का बंधन, अर्थात गुलामी का बंधन।*


🌸*सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव जी ने अपनी बहन नानकी से राखी बंधवाने से इंकार किया। क्यों? क्योकि गुरु नानक जी ने साफ़ साफ़ कहा की औरत मर्द पर सुरक्षा के लिए निर्भर न रहे।*🌸

आज के काल में बुद्धिस्ट भिक्षुओ ने भी रक्षासूत्र बाँधना शुरू कर दिया है। यह बौद्ध भिक्षुओं के ब्राह्मणीकरण की नयी साज़िश है। इस आध्यात्मिक गुलामी का धिक्कार करे।

*महात्मा फुले ने खुद ही कहा था “आध्यात्मिक गुलामी के कारण मानसिक गुलामी आई,मानसिक गुलामी के कारण सोच विचार करना बंद कर दिया, सोच विचार बंद होने के कारण आर्थिक गुलामी आई और सारे मूलनिवासी ब्राह्मणों की गुलामी के शिकार बन गए।*

*आओ हम महात्मा फुले के पद चिन्हो पर चले “अला बला जाए बलि राजा का राज आये”।*

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*बंधक सूत्र बंधने के लिए ब्राह्मण दान भी लेते है। ये प्राप्त दान हमारे पतन के लिये RSS को देतें है जो हमारे पतन के लिये रणनीति बनाते है। यह भाई बहन का त्योहार नहीं है यदि ऐसा होता तो मुस्लिम व ईसाई बहने भी अपने भाइयों को राखी बांधती होती। और तो और कोई बहन अपने भाई को राखी बांधेगी क्या तभी भाई उसकी रक्षा करेगा अन्यथा उसे लूटते देखेगा, कई मामलों मे यह भी देखा गया है कि सगे भाईयों ने दौलत की खातिर अपनी बहन की हत्या तक कर दी. कुछ मामले ऐसे भी रहें हैं कि भाईयों ने अपने स्वार्थ के लिए बहनों को बेच डाला. यह कोरा मूलनिवासियों का विरोधी कार्य है।*

*2012 में किये गए अध्ययन के मुताबिक हर साल कम से कम 1200 करोड़ रुपये का दान भारत में दिया जाता है। जिसमें सबसे ज्यादा बड़ा हिस्सा ब्राह्मणों को और उनके मंदिरों में जाता है। ब्राह्मण इस पैसे से मूलनिवासियों को गुलाम बनाये रखने के कार्यक्रम करता रहता है। विश्व हिंदू परिषद, आर.एस.एस. , बजरंग दल आदि ब्राह्मणों के बनाये हुए बहुत सारे ऐसे संगठन है जो मूलनिवासियों के दिए दान पर पलते है और मूलनिवासियों के खिलाफ काम करते है।*

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*बाबा साहब के सपनो का समाज और देश बनाने के लिये मूलनिवासियों को अंधविश्वासी त्योहार नहीं मनाना चाहिय।*


*: रक्षा बंधन का बड़े पैमाने में बहिष्कार होना चाहिए यह फालतू पर्व है जिसमें रिश्ते के आड़ में बनिया अरबपति बनता है कागज का टुकड़ा बेचकर पैसा कमाते हैं जिसे दो घंटों में फाड़ कर फेंक दिया जाता है और रिश्ता वहीं का वहीं रहता है भाई बहन पहले भी थे और इसके बाद भी उसी तरह रिश्ते रहते हैं बस इस दो घंटे के खेल में अरबों रुपये की कमाई हो जाती है मिठाई में पूरा मिलावट होता है जो शरीर के लिए हानिकारक होता है, ब्राहमणवादी षडयन्त्र से बचिये और अपने परिवार व साथियों को बचाए*

*कोई जानता नहीं बस यूँ ही मनाते आ रहे हैं रक्षा बंधन ।पूछो तो बस यही कहते हैं "आज भाई बहन की रक्षा की शपथ लेता है  और बस यूं ही परम्परा चली आ रही है तो हम भी मना लेते हैं।"*

*अरे भाई दिवाली में तुम 500-1000के पटाखे जला कर प्रकृति को प्रदूषित करते हो ।*

*होली में फ़ालतू के रंग पानी पर पैसा बर्बाद करते हो ।और रक्षाबन्धन में तो अपनी बहन को तो आज के दिन प्रण करते हुए रक्षा सूत्र बांधते हो  तो क्या बाकि दिनों में बहन की रक्षा नहीं करते ।अरे सुनो ।तुम लोग सभी की बहनों की रक्षा का प्रण लो ।अरे अपनी बहन की रक्षा का प्रण और दूसरी की बहन को गन्दी नजरों से देखते हो ।तभी तो आये दिन ऐसी रेप की घटनाएं होती हैं ।ब्राह्मण अपनी रक्षा करवाने हेतु क्षत्रिय .sc.st.obc. सभी को मंदिर में राखी बांधता है और दक्षिणा भी लेता है ।पंडित से राखी महिला पुरुष सभी मंदिर में जाकर बंधवाते हैं ऐसा मैंने सुना है .देखा नहीं ।यदि पंडित ऐसा करता है तो फिर वो अपनी रक्षा हेतु भगवान से गुहार क्यों नहीं लगाता ।इसका मतलब पंडित का ये  कृत्य प्रमाणित करता है कि उसकी रक्षा भगवान नहीं कर सकता ,उसकी रक्षा मानव ही करेगा ।अब प्रश्न ये उठता है की वो अपनी रक्षा क्यों करवाना चाहता है ?किसके डर के कारण वो अपनी रक्षा करवाना चाहता है ।तो साफ़ है वो अपनी रक्षा अपने फैलाये गए पाखण्ड की पोल खुलने पर जनता की मार ना पड़े उससे अपनी रक्षा का सूत्र बांधता है यदि पंडित की पिटाई हो जावे तो ना तो भगवान् आवेंगे बचाने और ना ही रक्षा सूत्र बंधवाने वाले आवेंगे बचाने ।अब तो इन पंडितों को भी गटर की सफाई मरे जीवों को उठाना,सफाई आदि काम में लगाया जावे  तो इन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होगी।*

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*जय भीम * जय भारत जय* 🙏🏻

*जय मूलनिवासी*




2 अप्रैल एससी एसटी एक्ट मामले में जिन पर मुकदमा लगा है उनका केश संदीप कुमार फ्री में लड़ेंगे


बसपा का उ्मीदवार रामपाल भरा ने पर्चा

बसपा प्रत्याशी रामपाल मेघवाल ने भरा पर्चा बसपा का यही मकसद है सभी मूलनिवासी बहुजन समाज का साथ देना । सभी पिछड़े दबे को उपर उठाने का मौका ...