- * क्या करोगे आखिर मंदिर में उनके जाकर ,
थोड़ा सिर झुकाओगे और लुट कर वापिस घर जाओगे,
* पत्थरों पर धन लुटाकर सोचो तुम क्या पाओगे,
सब कुछ पाकर भी हाथ मलते रह जाओगे..
* इन्होंने आज तक किसी को क्या दिया है,
जो तुम इन से पाओगे..
* थोड़ा पीट लोगे और कुत्ते की ,
तरह दुत्कार दिए जाओगे..
* इन्होंने ही तो शोषण अपना करवाया है,
वह शोषित वंचित सबसे बड़ा मूर्ख है ,
जिसने इन को शीश नवाया है..
* इनकी चाल को आखिर तुम कब समझ पाओगे,
* अगर ऐसे ही तुम्हारे करम रहे ,
तो फिर से मनुस्मृति का शासन तुम पाओगे..
* गले में हाड्डी और पिछवाड़े में झाडू ,
फिर लटकवाओगे..
* प्यासे तुम मर जाओगे लेकिन ,
पानी नहीं तुम पाओगे..
* पशुओं से भी बदतर जीवन तुम इनाम में पाओगे,
शिक्षा संपत्ति अधिकार, विहिन जीवन तुम बिताओगे..
* गांव से बाहर बस्ती फिर तुम बसाओगे,
एक बार फिर से अछूत तुम बन जाओगे...
एक बार फिर से अछूत तुम बन जाओगे !!!
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